रविवार, 11 मार्च 2012

एक ईमानदार अधिकारी को आखिरी सलाम

नरेंदर सिंह एक ईमानदार अधिकारी थे जो अवेध खनन के खिलाफ लड़ रहे थे और इसका परिणाम उनको जान दे कर चुकाना पड़ा सरकार ने न्यायिक जाँच की घोषणा कर दी है और सफाई दी की खनन माफिया नहीं है 
लेकिन पन्ना में और दो अधिकारी पर हुआ हमला हुआ इस बात की गवाही देता हे की प्रदेश में खनन माफिया है 
और उसकी जड़ बहुत अन्दर तक है सरकार को  इस मामले को गभीरता स लेना होगा नहीं तो हर अधिकारी अब इस माफिया से लड़ने से सोचेगा 
मुझे तो एक बात समझ नहीं आती इतने बड़े तंत्र पर एक माफिया कैसे हावी हो जाता है साफ बात है कही न कही कोई न कोई इससे जुड़ा जरूर है 
जब इस जुडाब का पर्दाफाश होगा यभी में मानूगा की जीत सच्चाई की होती हे
एक फिर में शहीद नरेन्द्र सिंह को सलाम करता हु

रविवार, 29 जनवरी 2012

सर उठा के जिए पर कैसे

लो चलो आज फिर भारत हर गया आज फिर सब को कल के लिए मसाला मिल गया की भारत के सीनयर अब चुक गए है में भी इस बात से कुछ सहमत हूँ लेकिन दोष सब उनका नहीं है किसी और का भी है 
एक बात समझ में नहीं आता की इतने बड़े देश में हम ११ खिलाडी नहीं चुन सकते 
फिछले १० साल से हम सिर्फ २० या २५ खिलाडी ही निकल पाए तो क्या करे कोई .
सब चाहते है हम भारत के लिए खेल इसमें देशप्रेम तो होता ही है साथ में  मिलना वाला पैसा और सम्मान 
और भी बहुत कुछ  सो सब खेलना चाहते है चाहे इसलिए उनको अपनी कोई चोट छुपानि पड़े या कुछ भी 
पर वो शायद ये नहीं जानते की उनपर १०० करोड़ लोगो का सम्मान भी साथ होता है 
में किसी को दोष नहीं दूंगा सिर्फ ये चाहता हूँ की जूनून के साथ खेले सिर्फ विज्ञापन में 
नहीं वास्तव में महसूस हो की सर उठा के जिए

मंगलवार, 24 जनवरी 2012

नई शुरुआत

आज नई शुरुआत कर रहा हूँ आशा करता हूँ की आप सब का प्यार हमेशा की तरह मिलता रहेगा . और मे ऐसे ही लिखता रहूगा  बात यह है की जिन्दगी की दोड़ धुप मे थोडा जायदा ही व्यस्त हो गया था सो कुछ समय से लिख नहीं पाया पर शायद ऐसे न होगा मे निरंतर लिखने की कोशिस करूगा